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टेररिज्म से प्रभावित होता है टूरिज्म- राजेश अग्रवाल


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शाहजहांपुर प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहाकि प्रकृति ने मनुष्य को सृजन की भूमिका के लिए बनाया है, विध्वंस के लिए नहीं। हमारी शिक्षा व्यवस्था इंजीनियर, डॉक्टर, व्यापारी बनाती है, लेकिन आदमी नहीं बना पा रही। परिणाम है कि समाज में आक्रमकता और ध्वंस की प्रवृत्ति बढ़ रही हैं। प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने एसएस कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय 9वें स्वामी शुकदेवानन्द अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। अंतर्राष्टी्रय आतंकवाद, पर्यटन और विश्व के आर्थिक स्वास्थ्य विषय पर आयोजित सेमीनार में उन्होंने कहा कि वक्त के थपेड़ों से जब पत्थर तराशा जाता है, तब वह भगवान बनता है। वक्त की यह तराश पत्थर की सारी नोकों को घिसकर समतल बना देती है। तब वह पत्थर भगवान के रूप में पूजा जाता आज समाज को आदमी की आवश्यकता है। विध्वंस करना सहज है, पर निर्माण में समय लगता है। प्रकृति ने मनुष्य को निर्माण की इसी भूमिका के लिए बनाया है, परन्तु हम निर्माण के नाम पर मनुष्य की मनुष्यता का ध्वंस किए दे रहे हैं। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अनिल शुक्ला ने कहा कि भारत में पर्यटन सदियों प्राचीन है। मैग्स्थनीज, अलवरूनी, ह्वेंसांग आदि की पुस्तकें भारत में पर्यटन के समृद्ध इतिहास को प्रकट करती हैं, परन्तु अध्यात्म और शिक्षा से जुड़ा था। हमारी व्यवस्था ऐसी थी कि उससे विद्वान, कलाकार और कौशलपूर्ण व्यक्तत्वि पैदा होते थे। जब हमारे नालन्दा और राजगीर जैसे विश्वविद्यालय को नष्ट किया गया, उसी समय पश्चिम में विश्वविद्यालयों की अवधारणा ने जन्म लिया।मुमुक्षु शिक्षा संकुल के मुख्य अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती ने कहा कि भारत में पर्यटन का अध्यात्मिक रूप था तब पर्यटन नहीं तीर्थाटन था। वहां हम सामाजिक और धार्मिक वर्जनाओं के साथ जाते थे वहा दृष्टि ही भिन्न थी परन्तु आज पर्यटन मंे हमारा मौज का दृष्टिकोण सम्मिलित है जिसके चलते हम जिन इच्छाओं को सामाजिक वर्जनाओं के चलते घर में पूरा नहीं कर पाते उन्हें पर्यटन में पूरा करते हैं। जब से हमने पश्चिम की दृष्टि अपनायी तब से सांस्कृतिक चेतना और एकता का सूत्र कमजोर पड़ा और देश में विघटन और आतंकवाद जैसी समस्याऐं पैदा हुईं। और यह भी अनुभव किया जा रहा है कि आतंकवाद का पूर्ण नाश करने की शक्ति भारत में ही है।केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कृष्णा राज, मुख्य वक्ता भारतीय पर्यटन एवं परिवहन प्रबन्ध संस्थान के निदेशक प्रो. संदीप कुलश्रेष्ठ, एमएलसी डा.जयपाल सिंह ‘व्यस्त‘, विशिष्ट अतिथि अण्डमान निकोबार के पर्यटन विभाग के डा. फारूख शेख, संस्थागत वित्त के उपनिदेशक शिव सिंह यादव ने भी विचार व्यक्त किए। उद्घाटन सत्र के अन्त में धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य डा. एके मिश्र ने किया। इसके उपरान्त आयोजित हुए दो तकनीकि सत्रों में विविध देशों से आये शोधार्थियों और प्राध्यापकों ने अपने शोध पत्र पढ़े। इससे पूर्व अतिथियों का अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत डाॅ॰ आलोक मिश्रा, प्रबन्ध समिति के सचिव श्री जी॰एस॰ वर्मा, डाॅ॰ देवेन्द्र सिंह, डाॅ॰ मीना शर्मा, डाॅ॰ प्रभात शुक्ला, डाॅ॰ आलोक सिंह और डाॅ॰ के.के. वर्मा ने किया। अतिथियों ने द्वीप प्रज्वलन और पुष्पांजलि के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। डाॅ॰ करूणाशंकर तिवारी ने मंगलाचरण और संगीत विभाग की डाॅ॰ प्रतिभा सक्सेना के निर्देशन में छात्राओं ने राष्ट्रगीत, स्वागत गीत तथा राष्ट्रगान का प्रस्तुतिकरण किया। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा ई-सोविनियर और शोध पत्रों पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया गया। उद्घाटन सत्र में प्रमुख रूप से जिला पंचायत अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह, प्रो॰ पी॰के॰ सूर्या, डाॅ॰ प्रदीप सक्सेना, डाॅ॰ सुरेश मिश्रा, ओमकार मनीषी, रामचन्द्र सिंघल, इंजी॰ आर.के. अग्रवाल, फिरोजहसन खान, डाॅ॰ विपुल भट्ट, प्राचार्य डाॅ॰ संजय बरनवाल, डाॅ॰ अजय वर्मा, डाॅ॰ पवन ग ुप्ता, ओम प्रकाश अडिग, डाॅ॰ एम.के. वर्मा आदि उपस्थित रहे। सेमिनार के संयोजक डा. अनुराग अग्रवाल ने सभी का आभार जताया।

(LOKTANTRIK MEDIA)
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